हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर ने फरमाया कि हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.को ज़मीन पर भेजने का अस्लमक़सद, अस्ल में अक़्ल, सोच, अख़लाक़ आदत और क़ानून के मैदानों में आम लोगों की तरबियत थी ये वो चीज़ें हैं कि इंसान की तरक़्क़ी की ओर बढ़ती एक संतुष्ट ज़िन्दगी को इसकी बहुत ज़रूरत है, धैर्य व उदारता अख़्लाक़ है।
क़ुरआन की आयत में भी है उनके नुफ़ूस को पाकीज़ा बनाए और उन्हें किताब व हिकमत की तालीम दे (सूरए जुमा, आयत-2)इस आयत में मन की पाकीज़गी को प्राथमिकता दी गयी है, यह अख़लाक़ की नज़र से तरबियत है।
आज हमकों अख़लाक़ी तरबियत की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है। हम ईरानी अवाम को भी, इस भौगोलिक इलाक़े में रहने वाले इस्लामी समाज को भी और इस्लामी जगत के सभी मुसलमानों को भी इस पूरे इस्लामी जगत, महान इस्लामी उम्मत और मुसलमान समाजों की ये मूल ज़रूरतों में है।